हवाई यात्रा कर रहे यात्रियों को अब अपने पर्स, मोबाइल फोन, चार्जर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान को अपने बैग से अलग रखना होगा। अब इन सामानों की एयरपोर्ट पर अलग से स्क्रीनिंग की जाएगी। अभी तक स्क्रीनिंग के लिए ट्रे में केवल लैपटॉप और टैबलेट को ही रखा जाता था लेकिन अब इन सामानों की भी स्क्रीनिंग होगी।
इसके अलावा विषम आकार वाले पेन की भी स्क्रीनिंग होगी। क्योंकि कुछ मामलों में उनमें चाकू छिपा हुआ पाया गया है। अभी हाल ही में दिल्ली से दूसरी जगहों पर यात्रा कर रहे यात्रियों को इन नए नियमों के बारे में बताया गया। इसपर सीआईएसएफ के अधिकारी का कहना है एयरपोर्ट पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए देश के हर एयरपोर्ट पर ये नियम लागू किए जाएंगे।
सीआईएसएफ अधिकारी ने बताया कि जब हैंडबैग की स्क्रीनिंग की जाती है तो उसमें मौजूद सामान की ठीक से स्क्रीनिंग नहीं हो पाती। अगर स्क्रीनिंग के दौरान कुछ शक होता है तो स्क्रीनिंग करने वालों को यात्रियों के बैग से चार्जर और इलेक्ट्रॉनिक सामान निकलवाना पड़ता है। जब उनके पास मौजूद पेन भारी लगता है तो उसकी भी जांच होती है कि कहीं उसके भीतर कोई चाकू तो मौजूद नहीं है। कई बार तो शक होने पर बैग से सारा सामान ही निकलवाना पड़ता है। जिससे जांच करने में काफी समय लग जाता है। लेकिन बैग से अगर ये सारा सामान निकलवा लिया जाएगा तो बैग की अच्छे से स्क्रीनिंग हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि कई बार लोगों के पास लाइसेंस वाली बंदूक भी होती है जो कि वह बैग में ही रखते हैं। जिससे एयरपोर्ट पर लंबी लाइन लग जाती है और यात्रियों को भी परेशानी होती है। बीते साल आई रिपोर्ट 'फ्यूचर प्रोजेक्शन सितंबर 2017' में सीआईएसएफ ने कहा है कि सभी एयरपोर्ट पर ट्रैफिक बीते पांच सालों में 65 फीसदी बढ़ा है। जिससे विषमता बढ़ी है। कई एयरपोर्ट पर तो बिजी समय में ट्रैफिक बढ़ने से परेशानी हुई है। जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों पर यात्रियों की चेकिंग जल्दी करने का दबाव बनाया गया।
इसके अलावा कई नए टर्मिनल और एयरपोर्ट बनने के बाद विमानन प्राधिकरण इन्फ्रा-स्टारवेड एयरपोर्ट्स पर बढ़ते एयर ट्रैफिक के प्रबंधन के लिए तकनीक का सहारा ले रहा है।
Source: amarujala.com
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इसके अलावा विषम आकार वाले पेन की भी स्क्रीनिंग होगी। क्योंकि कुछ मामलों में उनमें चाकू छिपा हुआ पाया गया है। अभी हाल ही में दिल्ली से दूसरी जगहों पर यात्रा कर रहे यात्रियों को इन नए नियमों के बारे में बताया गया। इसपर सीआईएसएफ के अधिकारी का कहना है एयरपोर्ट पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए देश के हर एयरपोर्ट पर ये नियम लागू किए जाएंगे।
सीआईएसएफ अधिकारी ने बताया कि जब हैंडबैग की स्क्रीनिंग की जाती है तो उसमें मौजूद सामान की ठीक से स्क्रीनिंग नहीं हो पाती। अगर स्क्रीनिंग के दौरान कुछ शक होता है तो स्क्रीनिंग करने वालों को यात्रियों के बैग से चार्जर और इलेक्ट्रॉनिक सामान निकलवाना पड़ता है। जब उनके पास मौजूद पेन भारी लगता है तो उसकी भी जांच होती है कि कहीं उसके भीतर कोई चाकू तो मौजूद नहीं है। कई बार तो शक होने पर बैग से सारा सामान ही निकलवाना पड़ता है। जिससे जांच करने में काफी समय लग जाता है। लेकिन बैग से अगर ये सारा सामान निकलवा लिया जाएगा तो बैग की अच्छे से स्क्रीनिंग हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि कई बार लोगों के पास लाइसेंस वाली बंदूक भी होती है जो कि वह बैग में ही रखते हैं। जिससे एयरपोर्ट पर लंबी लाइन लग जाती है और यात्रियों को भी परेशानी होती है। बीते साल आई रिपोर्ट 'फ्यूचर प्रोजेक्शन सितंबर 2017' में सीआईएसएफ ने कहा है कि सभी एयरपोर्ट पर ट्रैफिक बीते पांच सालों में 65 फीसदी बढ़ा है। जिससे विषमता बढ़ी है। कई एयरपोर्ट पर तो बिजी समय में ट्रैफिक बढ़ने से परेशानी हुई है। जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों पर यात्रियों की चेकिंग जल्दी करने का दबाव बनाया गया।
इसके अलावा कई नए टर्मिनल और एयरपोर्ट बनने के बाद विमानन प्राधिकरण इन्फ्रा-स्टारवेड एयरपोर्ट्स पर बढ़ते एयर ट्रैफिक के प्रबंधन के लिए तकनीक का सहारा ले रहा है।
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